۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
नमाज़

हौज़ा | आयात-ए-एज़ाम इमाम, बहजत, साफ़ी और नूरी: नहीं, अगर महिलाएं पुरुषों से आगे रहें तो कोई समस्या नहीं है; लेकिन पुरुषों से पीछे रहना ही बेहतर है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

नमाज़ के अहकाम

सवालः क्या महिलाओं के लिए नमाज़ में पुरुषों से पीछे रहना ज़रूरी है?

जवाबः आयात ए एज़ाम इमाम, बहजत, साफ़ी और नूरी  नहीं, औरतें मर्दों से आगे रहें तो कोई हर्ज नहीं; लेकिन पुरुषों से पीछे रहना ही बेहतर है।

आयतुल्लाह तबरीज़ी: यह आवश्यक है कि पुरुष और महिला के बीच न्यूनतम दूरी एक बालिश्त हो। अगर औरत नमाज़ मे मर्द के आगे खड़ी है तो नमाज बिलकुल सही है।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई: एहतियात के तौर पर यह ज़रूरी है कि नमाज़ में पुरुषों और महिलाओं के बीच की दूरी एक बालिश्त की होनी चाहिए। और अगर नमाज़ मे महिला पुरूष के आगे हो तो उसकी नमाज़ सही है।

आयतुल्लाह फ़ाज़िल और मकारिम: औरत के लिए नमाज़ पढ़ते समय मर्द के पीछे रहना ज़रूरी है, नहीं तो उसकी नमाज़ बातिल हो जाएगी।

महरम और गैर महरम में कोई अंतर नहीं है।

आयतुल्लाह सिस्तानी: एहतियात लाज़िम की बिना पर औरत के लिए मर्द से पीछे रहना ज़रूरी है। महरम और ग़ैर-महरम में कोई अंतर नहीं है।

आयतुल्लाह वहीद: नमाज़ की हालत में मर्द और औरत का एक बालिश्त की दूरी पर होना ज़रूरी है।

लेकिन अगर कोई महिला किसी पुरुष के साथ नमाज पढ़ रही है या थोड़ा आगे खड़ी होती है, तो जरूरी है नमाज दोबारा पढ़े।

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